Khatu Shyam ji ki Aarti: खाटू श्याम जी की आरती एक भक्ति गीत है जो हिंदू देवता खाटू श्याम जी की स्तुति के लिए गाया जाता है। खाटू श्याम जी कृष्ण का एक रूप हैं और उन्हें कमजोरों और असहायों के रक्षक के रूप में पूजा जाता है। आरती आमतौर पर सुबह और शाम को गाई जाती है, और यह भक्तों के लिए खाटू श्याम जी के प्रति अपने प्यार और भक्ति को व्यक्त करने का एक तरीका है।
Khatu Shyam ji ki Aarti: खाटू श्याम जी की आरती
आरती की शुरुआत परमात्मा के आह्वान से होती है और फिर इसमें खाटू श्याम जी की कई विशेषताओं का वर्णन किया जाता है। उसे सुंदर, दयालु और शक्तिशाली कहा जाता है। उन्हें सभी अच्छी चीजों का दाता भी कहा जाता है। आरती खाटू श्याम जी के आशीर्वाद के अनुरोध के साथ समाप्त होती है।
Aarti Khatu Shyam ji ki
खाटू श्याम जी की आरती एक सुंदर और मार्मिक गीत है जो भक्तों के खाटू श्याम जी के प्रति गहरे प्रेम और भक्ति को व्यक्त करता है। यह परमात्मा से जुड़ने और खाटू श्याम जी का आशीर्वाद मांगने का एक शक्तिशाली तरीका है।
Khatu Shyam ji ki Aarti Lyrics
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
खाटू धाम विराजत,
अनुपम रूप धरे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
रतन जड़ित सिंहासन,
सिर पर चंवर ढुरे ।
तन केसरिया बागो,
कुण्डल श्रवण पड़े ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
गल पुष्पों की माला,
सिर पार मुकुट धरे ।
खेवत धूप अग्नि पर,
दीपक ज्योति जले ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
मोदक खीर चूरमा,
सुवरण थाल भरे ।
सेवक भोग लगावत,
सेवा नित्य करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
झांझ कटोरा और घडियावल,
शंख मृदंग घुरे ।
भक्त आरती गावे,
जय-जयकार करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
जो ध्यावे फल पावे,
सब दुःख से उबरे ।
सेवक जन निज मुख से,
श्री श्याम-श्याम उचरे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
श्री श्याम बिहारी जी की आरती,
जो कोई नर गावे ।
कहत भक्त-जन,
मनवांछित फल पावे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
जय श्री श्याम हरे,
बाबा जी श्री श्याम हरे ।
निज भक्तों के तुमने,
पूरण काज करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत,
अनुपम रूप धरे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
Shri Khatu Shyam ji ki Aarti
नीले घोड़े के सवार बाबा खाटू श्याम जी को हारे का सहारा, लखदातार, शीश का दानी, खाटू श्याम जी आदि नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि नियमित खाटू श्याम जी पूजा और आरती करने से जतका के सारे कष्ट मिट जाते हैं।
Khatu Shyam ji ki Aarti PDF
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Sri Khatu Shyam Ji FAQ
खाटू श्याम जी कौन से भगवान है?
श्री खाटूश्याम जी भगवान कृष्ण के कलयुगी अवतार है।
खाटू श्याम जी का असली नाम क्या था?
श्री खाटू श्याम जी का बाल्यकाल में नाम बर्बरीक था। उनकी माता, गुरुजन एवं रिश्तेदार उन्हें इसी नाम से जानते थे। श्याम नाम उन्हें कृष्ण ने दिया था।
खाटू श्याम जी कब जाना चाहिए?
यदि आप खाटू श्याम मंदिर जाना चाहते हैं तो आप अक्टूबर से मार्च के बीच के महीने में कभी भी आ सकते हैं।
खाटू श्याम जी की असली कहानी क्या है?
बाबा खाटू श्याम का संबंध महाभारत काल से माना जाता है। यह पांडुपुत्र भीम के पौत्र थे। पौराणिक कथा के अनुसार, खाटू श्याम की अपार शक्ति और क्षमता से प्रभावित होकर श्रीकृष्ण ने इन्हें कलियुग में अपने नाम से पूजे जाने का वरदान दिया था।
खाटू श्याम जाने से क्या फायदा होता है?
खाटूश्याम की पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।